Youtuber Rachit Rojha : Motivational Story
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Rachit Rojha |
सोशल मीडिया ने आज हर किसी को अपने टैलेंट को दुनिया के सामने लाने का एक मंच दिया है। इसमें सफलता पाने के लिए थोड़ी हिम्मत और जिद की जरूरत होती है। यूट्यूबर रचित रोझा की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि अगर दिल में ठान लो, तो मंजिल तक पहुंचना मुश्किल नहीं होता। दिल्ली के एक आम लड़के की संघर्ष और मेहनत की कहानी अब सोशल मीडिया पर चमक रही है।
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Rachit Rojha youtube start time |
शुरुआत का संघर्ष-
रचित रोझा दिल्ली के एक सामान्य परिवार से हैं और शुरू में IIT की तैयारी कर रहे थे। उनके माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें, लेकिन रचित को एहसास हुआ कि यह उनका रास्ता नहीं है। रचित कहते हैं, "मेरे पापा चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं, लेकिन मुझे पता था कि मैं ये नहीं कर सकता।"
एक दिन, रचित ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी का वीडियो देखा, जिसमें आशीष ने कई अलग-अलग किरदार निभाए थे। यह देखकर रचित को लगा कि यही एक फील्ड है, जिसमें वह अपने टैलेंट को दिखा सकते हैं। इससे प्रेरित होकर, रचित ने वीडियो बनाने की शुरुआत की, लेकिन यह राह आसान नहीं थी।
Video बनाने की शुरुआत :
जब रोजा 12वीं कक्षा के बाद अपने ड्रॉपआउट वर्ष के दौरान इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, तो उन्होंने ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स को देखा जो YouTube के लिए वीडियो बनाकर पैसे कमा रहे थे। वह इससे मोहित हो गए क्योंकि उन्हें 9-6 की नौकरी पसंद नहीं थी और वह अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहते थे। बाद में उन्होंने YouTube और वीडियो बनाने की कला के बारे में जानकारी ढूंढनी शुरू की। उनका पहला मोबाइल फोन, जिससे उन्होंने वीडियो बनाना शुरू किया, वह 8000 रुपये का Mi मोबाइल फोन था। उन्होंने चांदनी चौक, दिल्ली से 350 रुपये का एक ट्राइपॉड भी खरीदा। उन्होंने रचित रोजा नाम से अपना YouTube चैनल खोला और 2017 में 'देसी विल बी देसी' शीर्षक से अपना पहला वीडियो अपलोड हालाँकि, उन्होंने वीडियो बनाना बंद नहीं किया और बिना बताए वीडियो बनाते रहे। वीडियो बनाने के एक साल बाद, उनके चैनल को लगभग 300 लोगों ने फॉलो किया, जिनमें ज़्यादातर उनके परिवार और दोस्त थे; हालाँकि, उन्होंने वीडियो बनाना और अपलोड करना जारी रखा। उनके ज़्यादातर वीडियो स्कूल, कॉलेज, दोस्ती और रिश्तों से जुड़े थे, जिनका कोई भी परिवार एक साथ आनंद ले सकता है।
सुरुआत में चुनौतियाँ-
रचित की पहली वीडियो को देखकर लोगों ने मजाक उड़ाया और कहा कि वह "लुगाई" बन रहा हैं और "नचनिया" बनेगा । इन नकारात्मक टिप्पणियों ने रचित को परेशान किया, लेकिन उसने हार मानने का निर्णय नहीं लिया। रचित ने धीरे-धीरे अपने वीडियो शेयर करना शुरू किया, और धीरे-धीरे कुछ तारीफें भी मिलने लगीं।
रचित के माता-पिता ने पहले उसे वीडियो बनाने से मना किया, लेकिन रचित ने झूठ बोला कि वह वीडियो नहीं बनाएंगे, जबकि वह छुपकर वीडियो बनाते रहे।
जीवन की कठिनाइयाँ-
रचित की जिंदगी में एक डार्क पीरियड भी आया। उनकी दादी को टीबी थी और उन्हें भी टीबी हो गई। रचित बताते हैं, "अगर इलाज महंगा होता, तो मैं बच नहीं सकता था।" इस मुश्किल समय के बावजूद, रचित ने वीडियो बनाना जारी रखा। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनका वजन 42 किलो हो गया था।
एक समय पर, एक शख्स ने उनका पहला वायरल वीडियो डिलीट कर दिया, जिससे वह बहुत परेशान हुए और खूब रोए। लेकिन रचित ने हार नहीं मानी और उस वीडियो को फिर से अपलोड किया, जो कि फिर से वायरल हो गया।
सफलता की ऊँचाइयाँ-
रचित ने शुरुआत में जीरो से शुरुआत की थी और आज वह भारत के प्रमुख यूट्यूबर्स में से एक हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सोशल मीडिया पर एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। आज उनके पास एक गाड़ी, घर, पैसा और एक विशाल फैंस फॉलोइंग है।
रचित अब देसी वीडियो बनाने के लिए जाने जाते हैं। वह मानते हैं कि असली परेशानी 9 से 6 की नौकरी में नहीं है, बल्कि तब है जब आप नौकरी के बाद घर आकर उसे कोसते हैं। रचित ने यूट्यूबर बनने की ठान ली और आज दुनिया उनकी मेहनत की कायल है।
सीख-
रचित रोझा की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपमें जिद और मेहनत की ताकत हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। वह कहते हैं, "जिद करो, आगे बढ़ो।" उनकी प्रेरणादायक यात्रा हमें यह समझाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन उन्हें पार करके ही सफलता मिलती है।
रचित की प्रेरणा- कविता
जिद और मेहनत की राह
(रचित रोझा की प्रेरणादायक यात्रा पर आधारित)
एक लड़का दिल्ली का, सीधा-सादा सा,
बनने चला था इंजीनियर, जैसा घर का था सपना।
पर दिल ने दी आवाज़ कुछ और कहने को,
राह बदल ली उसने, कुछ नया करने को।
IIT की राहें छूटी, एक नया सपना आया,
आशीष का वीडियो देखा, मन में उत्साह छाया।
कैरेक्टर खुद निभाने की कला उसने पाई,
सोचा, "मैं भी कर सकता हूँ, क्यों ना ये कोशिश हो भाई?"
वीडियो बनाई पहली, मिली दुनिया की फटकार,
"लुगाई बनेगा?" ये थे लोगों के विचार।
पर रचित ने ठानी, कोई बात नहीं,
छुप-छुप कर वीडियोज बनाई, बढ़ते रहे वहीं।
टीबी का अंधेरा आया, जिंदगी ने लिया मोड़,
पर रुकना नहीं सीखा, लड़ाई को था तैयार।
बर्तन अलग कर दिए, माँ ने भी छोड़ा साथ,
पर रचित ने हार नहीं मानी, बढ़ता रहा दिन-रात।
पहला वायरल वीडियो मिट गया, दिल टूट गया,
पर फिर भी वो लड़ा, फिर से वीडियो डाला गया।
जीरो से शुरू की थी राह, आज है ऊँचाइयाँ चूमी,
यूट्यूबर की दुनिया में नाम रचित ने धूम मचाई।
अब है गाड़ी, घर, और फैंस का अंबार,
पर असली खुशी है उस मेहनत का उपहार।
9 से 6 की नौकरी नहीं थी उसकी मंजिल,
अपने सपनों की राह पर चला, और पाया हासिल।
ये कहानी सिखाती है एक सच्ची बात,
मेहनत और जिद से मिलती है हर सौगात।
राहें हों मुश्किल, पर हिम्मत न हारना,
"जिद करो, आगे बढ़ो" —सपनों को संवारना।
रचित रोझा की पहली वीडियो -
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Rachit Rojha Family Members |
Rachit Rojha Family Members -
Rachit Rojha
Father- Karamvir Rojha (Works in Police)
Mother- Rachna Rojha
Elder Sister- Swati Rojha
Younger Sister- Bhawna Rojha
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